दामन अश्कों से भिगो लेते हैं!
अब तेरा नाम लेके रोते भी नहीं!
सुनते हैं तेरा नाम तो रो लेते हैं!
सब दूर किनारे होतें हैं!
यूँ देख के यादों की लहरें!
हम बैठ किनारे रोते हैं!
दिल में उनके है जगह, पर हम ही रह सकते नहीं!
दुनिया भरके हमसे शिकवे, लाख हमसे हैं गिले!
अपने दिल की बात हाये हम ही कह सकते नहीं!
जमाना मुस्कुराता है मुहब्बत रूठ जाती है!
हमे भी एक शख्स बहुत याद आयेगा!
जब उसके साथ बिताये लम्हें याद आयेंगे!
आँखें नम हो जायेगी, दिल आंसू बहायेगा!
हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है!
सब कुछ है यहाँ बस तू नही!
इसलिए शायद ये जिंदगी उदास रहती है!
जुदाई के बाद भी तुम से प्यार है!
तेरे चेहरे की उदासी बता रही है!
मुझसे मिलने के लिये तू भी बेकरार है!
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा!
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी!
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती!
बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से!
उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!
हमे रोज़ - रोज़ क्यों बुलाते हो!
हमने कहा हम याद तो उन्हें करते हैं तुम क्यों चले आते हो!
दिल को करार नहीं आता!
अगर किसी गैर के साथ देखूं!
तो फिर सहा नहीं जाता!
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है!
फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों!
यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है!
गम - ऐ - जुदाई से सब डरते हैं
हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत!
हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!
न दर्द दिल का किसी को सुना सके!
बस बैठे है यादों में उनकी!
न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके!
उनकी यादों को दिल से मिटा दिया!
एक दिन फिर उनका पैगाम आया लिखा था मुझे भूल जाओ!
और मुझे भूला हुआ हर लम्हा याद दिला दिया!
मैं कैसे इज़हार करू!
तुम तो खुशबु हो!
तुमको कैसे कैद करू!
एक बार जी के तो देखो हमारे लिये!
दिल की क्या औकात आपके सामने!
हम तो जान भी दे देंगे आपको पाने के लिये!
अफ़सोस उन्हें हम पर ऐतबार नहीं!
मत पूछो क्या गुजरती है दिल पर!
जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नहीं!
इतनी मोहलत न मिली तो क्या होगा!
रोज़ कहते हो कल मिलेंगे, कल मिलेंगे!
कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा!
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते!
मर गए पर खुली रखी आँखें!
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते!
उन्हें किसी और से प्यार है!
बस हार गए हम यह जानकर!
कि जिससे उन्हें प्यार है, वो हमारा यार है!
दोस्तों से प्यार कभी कम न होगा!
दूर रहकर भी जब रहेगी महक इसकी!
हमें कभी बिछड़ने का ग़म न होगा!
एक आप हो कि कितने सुंदर हो!
एक आप हो कि कितने सच्चे हो!
और एक हम है कि झूठ पर झूठ बोले जा रहे है!
सामने न सही पर आस-पास हूँ!
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे!
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!
किसी के ख्वाबों में आया-जाया करो!
जब भी जी हो कि कोई तुम्हें भी मनाये!
बस हमें याद करके रूठ जाया करो!
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी!
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर!
दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे!
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का!
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा!
न जाने क्या बात थी उन मे और हम मे!
सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा!
इतनी मोहलत न मिली तो क्या होगा!
रोज़ कहते हो कल मिलेंगे, कल मिलेंगे!
कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा!
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते!
मर गए पर खुली रखी आँखें!
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते!
उन्हें किसी और से प्यार है!
बस हार गए हम यह जानकर!
कि जिससे उन्हें प्यार है, वो हमारा यार है!
दोस्तों से प्यार कभी कम न होगा!
दूर रहकर भी जब रहेगी महक इसकी!
हमें कभी बिछड़ने का ग़म न होगा!
एक आप हो कि कितने सुंदर हो!
एक आप हो कि कितने सच्चे हो!
और एक हम है कि झूठ पर झूठ बोले जा रहे है!
सामने न सही पर आस-पास हूँ!
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे!
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!
किसी के ख्वाबों में आया-जाया करो!
जब भी जी हो कि कोई तुम्हें भी मनाये!
बस हमें याद करके रूठ जाया करो!
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी!
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर!
दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे!
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का!
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा!
न जाने क्या बात थी उन मे और हम मे!
सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा!
ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता!
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की!
उसके बिना जिया नहीं जा सकता!
हमने भी किया है प्यार , इसलिए हमे भी पता है!
मिलती है थोड़ी खुशियाँ ज्यादा गम!
पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है!
दूर रह कर भूलने वाले हम नहीं!
रोज़ मुलाक़ात न हो तो क्या हुआ!
आपकी याद आपकी मुलाक़ात से कम नहीं!
तेरे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी!
क्या कहे क्या गुजरेगी दिल पर!
जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
आपकी सांसो पर नाम लिख जाये कोई!
चलो वादा रहा भूल जाना हमें!
अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई!
समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें!
जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा!
करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
आओ एक शाम मोहब्बत में बिता दी जाये!
करके कुछ मोहब्बत की बातें!
इस शाम की मस्ती बड़ा दी जाये!
लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे!
वक़्त होना चाहिए किसी को मिलने का!
बहाने तो अपने आप मिल जायेंगे!
धोखा किसी को हम दिया नहीं करते!
जाने कैसे तुमसे दोस्ती हो गई!
वरना दोस्ती हम किसी से किया नहीं करते!
देखो मेरे दिल में तूफ़ान किसका है!
तुम कहते हो मेरे दिल के रास्ते से कोई नहीं गुज़रा!
तो फिर यह पैरों के निशान किसके हैं!
इसी अदा से वो दिल को चुराते हैं!
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को!
इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं!
दिल जोड़ना अदा है दोस्ती की!
मांगे जो कुर्बानियां वो है मुहब्बत!
और जो बिन मांगे कुर्बान हो जाये वो है दोस्ती!
बस एक आपकी वफ़ा चाहती है!
कितनी मासूम और नादान है ये!
खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है!
वो बिना बुलाये पास आया करती है!
आप तो दूर रहकर सताते हो मगर!
वो पास आकर रुलाया करती है!
हर लम्हा आपका ही नाम है!
इससे मजाक मत समझ लेना!
यह हमारी तरफ से प्यार का पैगाम है!
ज़िन्दगी न होगी आपके बिना पूरी!
अब और सही जाये न यह दूरी!
जीने के लिये आपका साथ है बहुत ज़रूरी!
चीर के देखा तो कुछ चीज निकल आई!
सोचा क्या होगा इस खली दिल में!
लहू से धो कर देखा, तो तेरी तस्वीर निकल आई!
हम ने उदास रहने की आदत बना ली है!
हर दिन हर रात गुजरती है तेरी याद में!
तेरी याद हमने अपनी इबादत बना ली है!
हर साँस के साथ तुझे याद करता है कोई!
मौत तो सचाई है आनी है!
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई!
अक्सर लोग मिल कर भी मिला नहीं करते!
हर शाख पर बहार आती हैं ज़रूर!
पर हर शाख पर फूल खिला नहीं करते!
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है!
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से!
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है!
अपनापन भी कुछ ज्यादा है आपसे!
न सोचेंगे सिर्फ उम्र भर के लिये!
क़यामत तक दोस्ती निभाएंगे ये वादा है आपसे!
याद रखना उसे जो निभा जाये!
वादा आपसे करेंगे बहुत लोग!
मगर दिल की बात कहना उससे जिसके बिना एक पल न रहा जाये!
हाल-ऐ-दिल जुबान पर ला नहीं पाते!
वो उतर गए हैं दिल की गहराइयों में!
वो समझ नहीं पाते और हम समझा नहीं पाते!
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई!
कोई आ कर हम दोनों को ज़रा हँसा दे!
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई!
बड़ी दुआओं से पाया है तुझे!
तुझे भुलाने की सोचूं भी तो कैसे!
किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे!
जिन्दगी में अपनों का साथ न छूटे!
रिश्ते कोई भी हो उसे ऐसे निभाओ!
कि उस रिश्ते की डोर ज़िन्दगी भर न छूटे!
चाहकर भी मैं उसको भूल पाया नहीं!
चाहता तो था मैं उसको अपनाना!
पर मैंने उसको कभी ये बताया नहीं!
अपने पास तुम्हें हम बुलाना चाहते है!
थक गए हम तुम्हें याद करते करते!
अब हम तुम्हें याद आना चाहते है!
प्यार का असर जरा देर से होता है!
आपको लगता है हम कुछ नहीं सोचते आपके बारे में!
पर हमारी हर बात में आपका ही जिक्र होता है
सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में!
एक दिन जब दोस्ती की आप से तो यूँ लगा!
कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में!
रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया!
हम से लोग हैं नाराज़ किस लिये!
हमने कभी किसी को खफा तो नहीं किया!
ज़िन्दगी जुल्फ नहीं जो फिर से संवर जायेगी!
जो ख़ुशी दे तुम्हें थाम लो दामन उसका!
ज़िन्दगी रो कर नहीं हंस कर गुज़र जायेगी!
प्यार में छलकता जाम हो तुम!
सीने में छुपाये फिरते है हम याद तुम्हारी!
मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम!
दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती!
आँखें बयान कर देती है दिल की दास्तान!
मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती!
हर नाकामयाबी का मतलब हार नहीं होता!
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें न पा सके!
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता!
एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है!
लगने लगते है अपने भी पराये!
और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है!
अपने लिये तो प्यार एक इबादत है!
न मिले उनसे तो मरकर बता देंगे!
कि कितनी मुहब्बत है इस दिल में!
वफ़ा के बदले मिलेगी बेवफाई कहाँ मालूम था!
सोचा था तैर के पार कर लेंगे प्यार के दरिया को!
पर बीच दरिया मिल जायेगा भंवर कहाँ मालूम था!
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है!
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर!
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!
कौन है जो आयेगा हमे मनाने के लिए!
हो सकता है तरस आ भी जाये आपको!
पर दिल कहाँ से लायें आपसे रूठ जाने के लिये!
सूरज के सामने कभी रात नहीं होती!
हम चाहते है जिन्हें जान से भी ज्यादा!
वो सामने है पर बात भी नहीं होती!
कुछ अपने और कुछ बेगाने होते हैं!
प्यार से संवर जाती है जिंदगी!
बस प्यार से रिश्ते निभाने होते है !
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले!
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा!
उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले!
आँखों को एक चाँद दिखा दिया आपने!
हमें ज़िन्दगी तो दी किसी और ने!
पर प्यार इतना देकर जीना सिखा दिया आपने!
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे!
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी!
इसलिए हम आंसू बहाते रहे!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है!
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद!
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है!
इस आशिक दिल का न ऐतबार करो!
रोज़ निकला करें किसी के याद में आंसू!
इतना न कभी किसी से प्यार करो!
हर हवा खुशबू हमारी लाएगी!
हम दोस्ती ऐसी निभाएंगे यारा!
की हम न होंगे और हमारी याद तुम्हे सताएगी!
झुकी निगाह को इकरार कहते है!
सिर्फ पाने का नाम इश्क नहीं!
कुछ खोने को भी प्यार कहते है!
सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं!
दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं!
है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं!
तभी तो हमारी आँखों में नमी है!
कोई तो है जो भूल गया हमें!
पर हमारे दिल में उसकी जगह वही है!
कुछ पाया पर बहुत गवाया है हमने!
हर उस शख्स ने रुलाया है!
जिसे भी हमने इस दिल में बसाया है !
बंदगी बन गए हो तुम मेरी!
खुदा माफ़ करे मुझे आखरी आरजू बन गए हो तुम मेरी!
मिलने को पल पल तड़पता है!
मेरा यह सपना टूट न जाये कहीं!
बस इसी बात से दिल डरता है!
इश्क में तेरे बर्बाद होने को दिल चाहता है!
कोई संभाले मुझे, बहक रहे है मेरे कदम!
वफ़ा में तेरी मर जाने को दिल चाहता है!
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए!
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था!
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!
तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया !
किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो !
सब कुछ ज़िन्दगी ने चुप -चाप सहना सिखा दिया !
रात में सितारों से उनका ज़िक्र किया करते हैं !
वो आयें या न आयें हमारे ख्वाबों में !
हम तो बस उन्ही का इंतज़ार किया करते हैं !
किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नहीं !
गुनाह हो यह ज़माने की नज़र में तो क्या !
ज़माने वाले कोई खुदा तो नहीं !
ये तो दिलो की मुलाक़ात है !
दोस्ती नहीं देखती की ये दिन है की रात है !
ऐसे में तो सिर्फ वफादारी और जज़्बात है !
ग़म के सागर में कुछ इस कदर खो गयी है !
तुम आ जाओ वापिस यह गुज़ारिश है मेरी !
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गयी है !
आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई !
जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से !
मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई !
हर सुबह ले आती है एक नई कहानी !
रास्ते तो बदलते है हर दिन लेकिन !
मंजिल रह जाती है वही पुरानी !
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे!
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला!
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे!
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते!
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ!
हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है!
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है!
होंठो पर एक दुआ आती हैं!
खुदा आप को दे हर ख़ुशी!
क्योंकि आज भी हमारी हर ख़ुशी आपके बाद आती हैं!
आंसू आँखों में उतर आये तो ज़रा रो लेते है!
नींद तो नहीं आती आँखों में लेकिन!
वो ख्वाबों में आएंगे यही सोच कर सो लेते है!
फूलों की खुशबू पास नहीं होती!
मिलना हमारी तक़दीर में था वरना!
इतनी प्यारी दोस्ती इतफाक नहीं होती!
जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है?
कितने खायें है धोखे इन राहों में!
फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
तेरी याद आई हर बात के बाद!
हमने खामोश रहकर भी देखा!
तेरी आवाज़ आई हर सांस के बाद!
हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती!
ये तो अपने-अपने नसीब की बात है!
कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!
हम आपको याद करे और आपको खबर हो जाये!
रब से बस इतनी दुआ करते हैं!
आप जो चाहे आपको मिल जाये!
रिश्ते शुरू होते है प्यार से!
प्यार शुरू होता है अपनों से!
और अपने शुरू होते है आप से!
दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा!
जी लो ये पल जब तक हम साथ है!
कल का क्या पता हम हो न हो!
हो जाये तो इंकार मत करना!
चल सको तो चलना उस राह पर!
वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
टूटे ख्वाबों के सिवा कुछ न पास होता है!
तुम्हरी याद ऐसे वक़्त बहुत आती है!
जब कोई बन्दर आस-पास होता है!
हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ!
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब!
मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं!
ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता!
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की!
उस के बिना जिया नहीं जा सकता!
ताज बनाना था पर मुमताज मिली नहीं!
एक दिन किस्मत खुली और शादी हो गई!
अब ताज बनाना है पर यह मुमताज मरती ही नहीं!
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम!
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन!
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम!
प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं!
मुद्दतें बीत जाती हैं किसी के इंतज़ार में!
ये सिर्फ पल-दो-पल का काम नहीं!
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!
ठंडी हवाये और भीगी ज़मीन है!
याद आ रही है आपकी कुछ बाते!
आप भी याद कर रहे होंगे इतना यकीन है!
आंसू के बहने का नही होता है अंदाज़!
गम का कभी भी हो सकता है आगाज़!
और दर्द के होने का तो बस होता है एहसास!
तेरी कमी का एहसास भी है!
दोस्त तो हमारे लाखो है इस जहाँ में!
पर तू प्यारा भी है और खास भी है!
दिल पे चोट देना आदत है ज़माने की!
हम आपको बिल्कुल नहीं याद करते!
क्योकि याद किसी को करना निशानी है भूल जाने की!
दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है!
कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
पलके भी थी आपकी एक झलक को बेकरार!
आपके आने से आयी है कुछ ऐसी बहार!
कि दिल बस मांगे आपके लिये खुशियाँ बेशुमार!
धीरे धीरे दिल ने सम्भलना सीखा!
धीरे धीरे हर राह पर चलना सीखा!
और धीरे धीरे हर मौसम में हमने हंसना सीखा!
कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है!
पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से, तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है
दोस्ती गहरी हो तो सबको भाति है!
दोस्ती नादान हो तो टूट जाती है!
पर अगर दोस्ती अपने जैसे से हो, तो इतिहास बनाती है!
दोस्तों पर हाज़िर है जान हमारी!
आँखों में हमारी आँसू है तो क्या!
जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी!
जान के लिए कर दूं कुर्बान यारी!
जान के लिए तोड़ दूं दोस्ती तुम्हारी!
अब तुमसे क्या छुपाना तुम ही तो हो जान हमारी!
दुनिया में हम खुश नसीब होंगे!
दूर से जब इतना याद करते है आपको!
क्या होगा जब आप हमारे करीब होंगे?
कोई अच्छा भी इस कदर न लगे!
आप को देखा है बस उस नज़र से!
जिस नज़र से आप को नज़र न लगे!
मंजिल को पाने की कसक रहने दो!
आप चाहे रहो नज़रों से दूर!
पर मेरी आँखों में अपनी एक झलक रहने दो!
आज वो क्यों मेरे साए से कतराते हैं!
हम भी वही हैं दिल भी वही है!
न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती!
न हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
राह ऐसी हो जो चलने को मजबूर करे!
महक कम न हो कभी दोस्ती में!
प्यार ऐसा हो जो मिलने को मजबूर करे!
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको!
हम तो कुछ देने के काबिल नहीं है!
देने वाला हज़ार खुशिया दे आपको!
न वो हमसे बात करते! न हम उनसे बात करते हैं!
बस एक दुसरे को देख कर टाइम पास किया करते हैं!
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया!
थक के जब सितारों से पनाह ली!
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!
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